ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बना जो AI चाइल्ड एब्यूज कंटेंट के खिलाफ कानून लेकर आया

लंदन

आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल जैसे-जैसे बढ़ रहा है, इसके गलत इस्तेमाल को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जो AI से चाइल्ड एब्यूज कंटेंट के खिलाफ कानून लेकर आया है। इस कानून में बाल यौन शोषण कंटेंट को बनाने के लिए AI प्रोडक्ट को रखना, बनाना या उनकी किसी भी तरह से डिस्ट्रीब्यूशन को अवैध श्रेणी में रखा गया है। ऐसे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। इसे एआई के गलत इस्तेमाल के खिलाफ अब तक का सबसे सख्त कानून माना जा रहा है।

रॉयटर की खबर के मुताबिक AI को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। इसके गलत इस्तेमाल को लेकर भी लोगों में चिंता है। ब्रिटेन सरकार में होम सेक्रेटरी यवेट कूपर ने बताया कि AI द्वारा जनरेट चाइल्ड पोर्नोग्राफी इमेज जैसे खतरों को रोकने के लिए चार नए कानून को पेश किया जाएगा। इसमें सख्त सजा का प्रावधान किया जाएगा। ऐसी सामग्री के साथ पकड़े जाने पर 5 साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है। AI पीडोफाइल मैनुअल रखना भी गैर-कानूनी कैटेगरी में पाया है और इसमें अपराधियों को तीन साल तक सजा होगी।
कूपर ने चाइल्ड एब्यूज को

कूपर ने बाल शोषण के बढ़ते ऑनलाइन पहलू पर भी प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि एक जांच में पाया गया कि पूरे ब्रिटेन में लगभग 500,000 बच्चे हर साल किसी न किसी तरह के दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं, जिसमें इंटरनेट से जुड़े मामलों की संख्या बढ़ रही है। सरकार उन लोगों पर भी निशाना साध रही है जो बाल यौन शोषण सामग्री को वितरित करने या साझा करने की सुविधा देने वाली वेबसाइट चलाते हैं। ऐसी वेबसाइट चलाते हुए पकड़े जाने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल तक की जेल हो सकती है।

UK होम मिनिस्ट्री ने दी जानकारी

ब्रिटेन की होम मिनिस्ट्री ने इसको लेकर कहा कि ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है, जो चाइल्ड एब्यूज कंटेंट बनाने AI प्रोडक्ट को रखना, बनाना या उनको डिस्ट्रीब्यूट करने को अवैध बनाता है.

सिखाना भी होगा गैर कानूनी

AI पीडोफाइल मैनुअल रखना भी गैर-कानूनी कैटेगरी में पाया है और इसमें अपराधियों को तीन साल तक सजा होगी. AI पीडोफाइल मैनुअल के तहत लोगों को यौन शोषण के लिए AI का उपयोग करना सिखाया जाता हैं.

वेबसाइट भी होंगी शामिल

नए कानून के तहत चाइल्ड एब्यूज कंटेंट के तहत वे वेबसाइट भी आएंगी, जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कंटेंट शेयर करती हैं. नए कानून में वे वेबसाइट भी शामिल होंगी, जो यौन शोषण के लिए बच्चों को कैसे तैयार किया जाए उसके लिए सलाह देने का काम करती हैं.

क्राइम एजेंसी ने बताया

मीडिया रिपोर्ट्स में नेशनल क्राइम एजेंसी के हवाले से बताया गया है कि बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए और उससे संबंधित हर महीने 800 गिरफ्तारियां होती हैं. इसमें कहा कि 8.40 लोग देशभर में बच्चों के लिए खतरा हैं, जो वयस्क आबादी का 1.6 परसेंट है. ऑनलाइन और ऑफलाइन खतरा पैदा करते हैं.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button